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What is CAB, Citizenship Amendment Bill Here All you ,CAB, Citizenship Amendment Bill

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What is CAB, Citizenship Amendment Bill Here All you ,CAB, Citizenship Amendment Bill

CAB 2019: क्या है नागरिकता संशोधन बिल? जानिए इसके बारे में सब कुछ

CAB यानी नागरिकता संशोधन विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया. इस बिल को लेकर असम सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन जारी है.

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नागरिकता संशोधन विधेयक (CAB, Citizenship Amendment Bill) के खिलाफ असम और त्रिपुरा में विरोध प्रदर्शन जारी है. इसके अलावा देश के कुछ अन्य हिस्सों में भी इस बिल का विरोध हो रहा है. बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019) राज्यसभा में पारित हो गया. राज्यसभा में इस बिल (CAB) के समर्थन में 125 जबकि विपक्ष में 99 वोट पड़े.

गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए दावा किया कि नागरिकता संशोधन विधेयक पूरी तरह से संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप है और इसमें ‘‘किसी की नागरिकता लेने नहीं, देने” का प्रावधान है इसलिए देश के मुस्लिम नागरिकों को इससे डरने की जरूरत नहीं है.

बता दें कि असम सहित पूर्वोत्तर के कई राज्यों में इस बिल का जमकर विरोध हो रहा है. असम में विरोध प्रदर्शन में आगजनी और तोड़-फोड़ हुई, जिसके बाद वहां 24 घंटे के लिए 10 जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं. वहीं, विपक्ष इस बिल को संविधान विरोधी बता रहा है.

क्या है नागरिकता संशोधन बिल? (What is CAB?)

संसद में जो बिल पास हुआ है वह नागरिकता अधिनियम 1955 (Citizenship Act 1955) में बदलाव करेगा. नागरिक संशोधन बिल के कानून का रूप लेने से पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और आस-पास के देशों में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से भागकर आए हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के लोगों को भारत की नागरिकता दी जाएगी. इस बिल में मुस्लिम धर्म के लोगों को शामिल नहीं किया गया है.

नागरिकता संशोधन बिल (CAB) से जुड़ी अहम बातें

1. इस बिल के कानून में तब्दील होने के बाद पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों को आसानी से भारत की नागरिकता मिल पाएगी. नागरिकता हासिल करने के लिए उन्हें यहां कम से कम 6 साल बिताने होंगे. पहले नागरिकता हासिल करने के लिए कम से कम 11 साल बिताने का पैमाना तय था.

2.  पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश और आस-पास के देशों के हिंदू, ईसाई, सिख, पारसी, जैन और बौद्ध धर्म के वो लोग जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश कर लिया था. वे सभी भारत की नागरिकता के लिए आवेदन कर सकेंगे.

3. ओसीआई कार्ड धारक यदि नियमों का उल्लंघन करते हैं तो केंद्र के पास उनका कार्ड रद्द करने का अधिकार होगा. बता दें कि ओसीआई कार्ड स्थायी रूप से विदेश में बसे भारतीयों को दिए जाने वाला कार्ड है


मीडिया के क्षेत्र में करीब 4 साल का अनुभव प्राप्त है। Bharat24 न्यूज चैनल से करियर की शुरुआत की, जहां 1.5 साल डिजिटल मीडिया पर काम किया। इसके बाद फास्ट खबर चैनल में करीब 5 महीने इनपुट पर काम करने का अनुभव मिला। इसके बाद नेशनल इंडिया न्यूज में 1 साल Anchor cum Producer का अनुभव मिला है। अब ‘Gadgetupdatehindi.com’ वेबसाइट में अपनी सेवा दे रहे हैं। यहां गैजेट्स और इंटरटेनमेंट की खबरों पर काम कर रहे हैं। हमारा मकसद लोगों तक बेहतरीन स्टोरी पहुंचाना है।

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