Shri hanuman chalisa Hindi Bol: श्री हनुमान चालीसा हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो प्रतिदिन श्री हनुमानजी की पूजा-अर्चना करने वालों द्वारा पढ़ा जाता है। यह ग्रंथ श्री हनुमानजी की कृपा को प्राप्त करने एवं उनकी कृपा से सुख-शांति की प्राप्ति करने का एक प्रमुख साधन है। यह चालीसा हिंदी भाषा में लिखी गई है और इसका पठन सरल है, जिससे कि हर व्यक्ति इसे आसानी से समझ सके। चलिए, हम इस लेख में “श्री हनुमान चालीसा” के बारे में विस्तार से जानते हैं।
हनुमान जी का जन्मोत्सव कब है? | Hanuman Jayanti Kab Hai? (हनुमान जयंती)
Tue, 23 Apr, 2024
प्रत्येक वर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा के दिन हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाता है | इस बार दिनांक 23 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार को हनुमान जन्मोत्सव मनाया जाएगा
चालीसा का महत्व {#हनुमान जी का चालीसा }
श्री हनुमान चालीसा को अनेक महत्वपूर्ण कारणों से पढ़ा जाता है। इस चालीसा को पढ़ने से भक्त के मन में एकाग्रता बढ़ती है और वह अपनी चिंताओं और भय को दूर करने में सक्षम होता है। यह चालीसा श्री हनुमान जी की कृपा को प्राप्त करने का एक अद्वितीय और अचूक तरीका है। इसके अलावा, इस चालीसा को पढ़ने से मनुष्य की आध्यात्मिक उन्नति होती है और उसे सद्गुणों का विकास होता है।
चालीसा की विशेषताएं {#चालीसाकीविशेषताएं}
श्री हनुमान चालीसा में कई महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं, जो इसे अन्य ग्रंथों से अलग बनाती हैं। चालीसा का प्रत्येक दोहा चौपाई के रूप में लिखा गया है और इसमें विभिन्न प्रकार की रचनात्मकता है। चालीसा के पाठ से हनुमानजी की कृपा मिलती है और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। यह चालीसा हिन्दू धर्म में प्रसिद्ध है और हर वार्षिकोत्सव में भक्तों द्वारा बड़ी श्रद्धा से पढ़ी जाती है।
श्री हनुमान चालीसा के लाभ {#चालीसाकेलाभ}
- मन को शांति और सुखद वातावरण मिलता है।
- भक्त की मनोदशा में सुधार होता है और उसे सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
- भय और डर से मुक्ति मिलती है और व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है।
- श्री हनुमानजी की कृपा से धन और समृदि आपके जीवन में वृद्धि होती है।
- इस चालीसा के पाठ से रोग-मुक्ति होती है और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
चालीसा के अद्यात्मिक महत्व {#चालीसाकेअद्यात्मिकमहत्व}
श्री हनुमान चालीसा पठने के अलावा, इसके अद्यात्मिक महत्व का भी ध्यान रखना चाहिए। यह चालीसा भक्त को मन की शुद्धता और चित्त की स्थिरता का अनुभव कराती है। इसके पाठ से व्यक्ति की आध्यात्मिक गतिविधियों में सुधार होता है और उसे आत्मसात का अनुभव होता है। चालीसा के पाठ के साथ योगाभ्यास और ध्यान करने से अद्यात्मिक प्रगति की गति तेज होती है और व्यक्ति आंतरिक शांति और संतुष्टि का अनुभव करता है।
श्री हनुमान चालीसा के महत्वपूर्ण पंक्तियाँ {#पंक्तियाँ}
- श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि।
- बरनउँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।
- बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
- बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार।।
चालीसा के पठन की विधि {#पठनविधि}
श्री हनुमान चालीसा को प्रतिदिन पढ़ने से उसके प्रभाव को अधिकता मिलती है। इसे सुबह-शाम एक स्थिर स्थान पर बैठकर पढ़ना चाहिए। चालीसा के पठन से पहले व्यक्ति को अपने मन को शुद्ध करने का प्रयास करना चाहिए और अपने आसान पर प्राणायाम के द्वारा ध्यान करना चाहिए। चालीसा को एकाग्रता और भक्ति के साथ पढ़ने से भक्त को अधिक सुख और आनंद का अनुभव होता है !
Hanuman chalisa lyrics – श्री हनुमान चालीसा के बोल
hanuman chalisa in hindi
दोहा: श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि॥
चौपाई: बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार।
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार॥
दोहा: जय हनुमान ज्ञान गुन सागर।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥
चौपाई: रामदूत अतुलित बल धामा।
अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा॥
महावीर विक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी॥
कंचन वरन विराज सुवेसा। कानन कुंडल कुँचित केसा॥
हाथ वज्र औ ध्वजा बिराजै। कांधे मूँज जनेऊ साजै॥
शंकर सुवन केसरी नंदन। तेज प्रताप महा जगवन्दन॥
विद्यावान गुनी अति चातुर। राम काज करिबे को आतुर॥
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया। राम लखन सीता मन बसिया॥
सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा। बिकट रूप धरि लंक जरावा॥
भीम रूप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे॥
लाय सजीवन लखन जियाए। श्रीरघुबीर हरषि उर लाए॥
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई। तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई॥
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं। अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं॥
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा। नारद सारद सहित अहीसा॥
जम कुबेर दिगपाल जहां ते। कवि कोविद कहि सके कहां ते॥
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा। राम मिलाय राज पद दीन्हा॥
तुम्हरो मंत्र विभीषण माना। लंकेश्वर भए सब जग जाना॥
जुग सहस्त्र जोजन पर भानू। लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं। जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं॥
दुर्गम काज जगत के जेते। सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥
राम दुआरे तुम रखवारे। होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥
सब सुख लहैं तुम्हारी सरना। तुम रक्षक काहू को डर ना॥
आपन तेज सम्हारो आपै। तीनों लोक हांक तें कांपै॥
भूत पिसाच निकट नहिं आवै। महावीर जब नाम सुनावै॥
नासै रोग हरै सब पीरा। जपत निरंतर हनुमत बीरा॥
संकट तें हनुमान छुड़ावै। मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥
सब पर राम तपस्वी राजा। तिन के काज सकल तुम साजा॥
और मनोरथ जो कोई लावै। सोइ अमित जीवन फल पावै॥
चारों युग परताप तुम्हारा। है परसिद्ध जगत उजियारा॥
साधु संत के तुम रखवारे। असुर निकंदन राम दुलारे॥
अष्टसिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन्ह जानकी माता॥
राम रसायन तुम्हरे पासा। सदा रहो रघुपति के दासा॥
तुम्हरे भजन राम को पावै। जनम जनम के दुख बिसरावै॥
अंत काल रघुवर पुर जाई। जहां जन्म हरिभक्त कहाई॥
और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्व सुख करई॥
संकट कटै मिटै सब पीरा। जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥
जै जै जै हनुमान गोसाईं। कृपा करहु गुरुदेव की नाईं॥
जो सत बार पाठ कर कोई। छूटहि बंदि महासुख होई॥
जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा। होय सिद्धि साखी गौरीसा॥
तुलसीदास सदा हरि चेरा। कीजै नाथ हृदय महं डेरा॥
दोहा: पवनतनय संकट हरन मंगल मूरति रूप। राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥
Hanuman chalisa in hindi Vedio
shri hanuman chalisa gulshan kumar:
Shri hanuman ji aarti
-::- श्री हनुमान जी की आरती -::- आशीर्वाद की प्रार्थना
आरती में हनुमान जी के दिव्य रूप का सुंदर वर्णन किया गया है। उनके सुनहरे रंग, जंगली फूलों से सजे हुए वस्त्र, और महानता का प्रतीक उनकी प्रतिमा को चित्रित करते हैं।
॥ आरती ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥
दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥
लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥
पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥
सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥आरती कीजै हनुमान लला की ॥
जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
Hanuman chalisa telugu
దోహా:
శ్రీగురు చరన సరోజ రజ నిజమను ముకుర సుధారి।
బరనౌ రఘుబర బిమల జసు, జో దాయకు ఫల చారి॥
చౌపాఈ:
బుద్ధిహీన తను జానికే, సుమిరౌం పవన-కుమార।
బల బుద్ధి బిద్యా దేహు మోహిం, హరహు కలేస బికార్॥
దోహా:
జయ హనుమాన జ్ఞాన గున సాగర।
జయ కపీస తిహుం లోక ఉజాగర॥
చౌపాఈ:
రామదూత అతులిత బల ధామా।
అంజని-పుత్ర పవనసుత నామా॥
మహావీర విక్రమ బజరంగీ।
కుమతి నివార సుమతి కే సంగీ॥
కంచన వరన విరాజ్ సువేసా।
కానన కుండల కుంచిత కేసా॥
హాథ వజ్ర ఔ ధ్వజా బిరాజై।
కాంధే మూంజ జనేఊ సాజై॥
శంకర సువన కేసరీ నందన।
తేజ ప్రతాప మహా జగవందన॥
విద్యావాన్ గునీ అతి చాతుర్।
రామ కాజ కరిబే కో ఆతుర్॥
ప్రభు చరిత్ర సునిబే కో రసియా।
రామ లఖన సీతా మన బసియా॥
సూక్ష్మ రూప ధరి సియహిం దిఖావా।
బికట రూప ధరి లంక జరావా॥
భీమ రూప ధరి అసుర సంహారే।
రామచంద్ర కే కాజ సంవారే॥
లాయ సజీవన లఖన జియాఏ।
శ్రీరఘుబీర హరషి ఉర లాఏ॥
రఘుపతి కీని బహుత్ బడ఼ాఈ।
తుమ్ మమ ప్రియ భరతహి సమ భాఈ॥
సహస బదన తుమ్హరో జస గావైం।
అస కహి శ్రీపతి కంఠ లగావైం॥
సనకాదిక బ్రహ్మాది మునీసా।
నారద సారద సహిత అహీసా॥
జామ్ కుబేర్ దిగ్పాల్ జహాన్ తే.
కవి కోవిడ్ అని ఎక్కడ చెప్పగలడు?
కిన్హ సుగ్రీవిన్ నీకు అనుకూలం.
రామ్ మిలయ రాజ్ పద్ దిన్హా ॥
నీ మంత్రాన్ని విభీషణునిగా స్వీకరించాను.
లంకేశ్వరుడు ఉంటే అందరికీ తెలిసిపోతుంది.
జగ్ సహస్త్ర జోజన్ న భాను.
లిల్యో తాహి తాహి మధుర ఫల జానూ ॥
ప్రభు ముద్రిక మేలి ముఖ మాహీ।
నీరు దాటినా ఆశ్చర్యం లేదు.
అందుబాటులో లేని పని ప్రపంచాన్ని గెలుస్తుంది.
మీ టెటే యొక్క సులభమైన దయ ॥
రాముడు మనలను రక్షిస్తాడు
అనుమతి లేకుండా డబ్బు లేదు.
అన్ని సంతోషాలు నీవే.
రక్షకుడికి ఎందుకు భయపడకూడదు?
మిమ్మల్ని మీరు జాగ్రత్తగా చూసుకోండి.
మూడు లోకాలూ వణికిపోతున్నాయి.
దయ్యాలు, పిశాచాలు దగ్గరకు రావు.
మహావీర్ నామాన్ని పఠించినప్పుడు.
నాసా వ్యాధి అంతా నొప్పి.
నిరంతరం హనుమత్ బీరా జపించడం.
హనుమంతుడు మిమ్మల్ని కష్టాల నుండి రక్షిస్తాడు.
మనస్సు, క్రమము మరియు మాటలకు దృష్టిని తెచ్చేవాడు.
అన్నింటికీ రాముడు సన్యాసి రాజు.
మీరు ముగ్గురి పనితో అలంకరించబడ్డారు.
మరియు ఎవరు ఎప్పుడైనా కోరికను తీసుకువస్తారు.
సోయి అమిత్ జీవన్ దాని ఫలాలను పొందుతుంది.
నాలుగు యుగాలలోనూ నీ కీర్తి.
ఇది ప్రసిద్ధ ప్రపంచ కాంతి.
మీరు సాధువులు మరియు స్తోయిక్ యొక్క సంరక్షకులు
అసుర నికందన్ రామ్ దులారే ॥
అష్టసిద్ధి తొమ్మిది నిధుల దాత.
బార్ దిన్హ్ జానకీ మాతాగా.
మీ పాచికలు రాం రాసయ్యాను.
ఎల్లప్పుడు రఘుపతి సేవకునిగా ఉండుము.
నీ పట్ల భక్తితో శ్రీరాముని పొందుతాడు
జన్మల దుఃఖాలను మరచిపో.
చివరిసారి రఘువరపూర్ వెళ్ళారు.
హరి భక్తుడు ఎక్కడ జన్మించాడు.
మరియు దేవుడు అతని మనస్సును పట్టుకోలేదు.
సంతోషం అంతా హనుమత్ ద్వారా జరిగింది.
అన్ని ఆపదలు తొలగిపోతాయి మరియు అన్ని బాధలు తొలగిపోతాయి
హనుమత్ బల్బీరాను స్మరించేవాడు.
నమస్కారం, వడగళ్ళు, వడగళ్ళు, శ్రీ హనుమాన్, ఇంద్రియాలకు ప్రభువు.
గురుదేవ్ లాగా నన్ను దయతో ఆశీర్వదించండి.
ఎవరైతే 100 సార్లు పఠిస్తారో!
ఖైదీ విడుదలైనప్పుడు చాలా సంతోషం కలిగింది.
ఈ హనుమాన్ చాలీసా చదివే వాడు.
అవును సిద్ధి సఖీ గౌరీసా.
తులసీదాసు సదా హరి చేరా.
కిజై నాథ్ హృదయ్ మహా డేరా ॥
దోహా:
పవన్తనయ్ సంకట్ హరన్ మంగళ్ విగ్రహ రూపం.
రామ్ లఖన్ సీతతో పాటు హృదయం బసాహు సుర్ భూప్.
hanuman chalisa in english
Correctly here is the translation of Hanuman Chalisa in English:
Doha: May the lotus feet of the divine Guru cleanse the mirror of my mind, And may I behold the pure glory of Lord Raghuvir, the bestower of the four fruits of life.
Chopai: Knowing myself to be devoid of intelligence, I remember the son of the wind, Hanuman, Grant me strength, wisdom, and knowledge, and remove all afflictions and impurities.
Doha: Victory to Hanuman, the ocean of knowledge and virtues, Victory to the embodiment of strength, who illuminates all three worlds.
Chopai: The messenger of Lord Rama, the unparalleled repository of power, Anjani’s son, known as Pavan’s (Wind God’s) offspring.
The mighty warrior with extraordinary prowess, Bajrangi, Dispeller of doubts, and companion of those with noble intellect.
Adorned with a golden complexion, with a charming appearance, Wearing forest flowers as earrings, and having curly hair.
In His hands, He holds the thunderbolt and flag, Adorning His shoulder is the sacred thread made of Munja grass.
Son of Shiva, born to the queen Kesarinandan (Anjani), Radiant with a divine aura, worshipped by the whole universe.
Endowed with knowledge and great wisdom, Eager to fulfill Lord Rama’s commands.
Listening to the glorious tales of the Lord with delight, Residing in the hearts of Ram, Lakshman, and Sita.
Manifesting a subtle form to Sita, captivating her, Assuming a ferocious form, He set Lanka on fire.
Taking a gigantic form, He destroyed the demons, Accomplishing the tasks assigned by Lord Ram.
Bringing the life-giving herb for Lakshman’s revival, Bringing immense joy to the heart of Lord Raghuvir.
Lord Rama praised Him with great devotion, Considering Him dearer than His own brother Bharat.
All the celestial beings sing the glory of His infinite qualities, As proclaimed by Lord Shri Rama Himself.
Being worshipped by Brahma, Shiva, and other sages, Known to all as the knower of all knowledge.
You helped Sugriva in his time of need, Bestowing upon him the kingdom of Lanka.
Your divine mantra was believed by Vibhishana, And he became the ruler of Lanka, known by all.
You crossed thousands of miles in a moment, And hence, you are known as the embodiment of miraculous speed.
No evil spirits or demons can come near, Such is the grace of Hanuman, the protector.
You guard the gate of Lord Rama, Never moving without His command.
All happiness is attained by seeking refuge in you, No fear befalls those who take your shelter.
You control your own power, Causing the three worlds to tremble.
Ghosts and goblins cannot come near, Such is the grace of Hanuman, the mighty one.
Every difficulty is resolved, and all pain is eradicated, For those who remember Hanuman with devotion.
Victory to Hanuman, the one with profound knowledge and virtues, May the blessings of Guru Deva always be upon us.
Doha: O Hanuman, destroyer of sorrows, embodiment of auspiciousness, Reside in my heart along with Shri Ram, Lakshman, and Sita.
Please note that this is a translated version, and it may not capture the poetic beauty and essence of the original text.
hanuman chalisa in bengali
-: হনুমান চালিসা এর বাংলা অনুবাদ :-
দোহা:
শ্রীগুরু চরণ সরোজ রজ, নিজ মনু মুকুর সুধারি।
বরনউ রঘুবর বিমল যশু, যো দায়ক ফল চারি॥
চৌপাই:
বুদ্ধিহীন তনু জানিকে, সুমিরউ পবন-কুমার।
বল বুদ্ধি বিদ্যা দেহু মোহিং, হরহু কলেস বিকার॥
দোহা:
জয় হনুমান জ্ঞান গুন সাগর।
জয় কপীস তিহুং লোক উজাগর॥
চৌপাই:
রামদূত অতুলিত বল ধামা।
অঞ্জনি-পুত্র পবনসুত নামা॥
মহাবীর বিক্রম বজরঙ্গী।
কুমতি নিবার সুমতি কে সংগী॥
কঞ্চন বরণ বিরাজ সুবেশা।
কানন কুণ্ডল কুঁচিত কেশা॥
হাথ বজ্র ঔ ধ্বজা বিরাজয়।
কাঁধে মূঁজ জনেউ সাজয়॥
শঙ্কর সুবন কেসরী নন্দন।
তেজ প্রতাপ মহা জগবন্দন॥
বিদ্যাবান গুনী অতি চাতুর।
রাম কাজ করিবে কো আতুর॥
প্রভু চরিত্র সুনিবে কো রসিয়া।
রাম লখন সীতা মন বসিয়া॥
সূক্ষ্ম রূপ ধরি সিয়হিং দিখাবা।
বিকট রূপ ধরি লঙ্ক জরাবা॥
ভীম রূপ ধরি অসুর সংহারে।
রামচন্দ্র কে কাজ সংবারে॥
লায় সজীবন লখন জিয়াএ।
শ্রীরঘুবীর হরষি উর লাএ॥
রঘুপতি কীনি বহুত বড়াঈ।
তুম মম প্রিয় ভরতহি সম ভাঈ॥
সহস বদন তুম্হারো জস গাবैং।
অস কহি শ্রীপতি কংঠ লগাবৈং॥
সনকাদিক ব্রহ্মাদি মুনীসা।
নারদ সারদ সহিত অহীসা॥
জম কুবের দিগপাল জহাং তে।
কবি কোবিদ কহি সকে কহাং তে॥
তুম উপকার সুগ্রীভহিং কীন্হা।
রাম মিলায় রাজ পদ দীন্হা॥
তুমহরো মন্ত্র বিভীষণ মানা।
লঙ্কেশ্বর ভয়ে সব জগ জানা॥
জগ সহস্ত্র জোজনে ভানু।
লিলিও তাহি তাহি মিষ্টি ফল জানু৷
প্রভু মুদ্রিকা মেলি মুখ মাহি৷
আশ্চর্যের কিছু নেই যে পানি পার হয়ে গেছে।
দুর্গম কাজ বিশ্ব জয় করে।
তোমার তেতে সহজ কৃপা ॥
ভগবান রাম আমাদের রক্ষা করেন
অনুমতি ছাড়া টাকা নেই।
সব সুখ তোমার।
কেন তুমি রক্ষককে ভয় পাও না?
তোমার যত্ন নিও.
তিন জগৎ কাঁপছে।
ভূত আর ভ্যাম্পায়ার কাছে আসে না।
মহাবীর নাম আবৃত্তি করলে।
নাসার রোগ সব ব্যথা।
অবিরত হনুমত বিরা জপ।
হনুমান তোমাকে কষ্ট থেকে রক্ষা করেন।
যিনি মন, আদেশ এবং কথায় মনোযোগ আনেন।
রাম তপস্বী রাজা সবার উপরে।
তুমি তিনজনের কাজ দিয়ে সজ্জিত।
এবং কে তাই কখনও আকাঙ্ক্ষা আনা.
সোই অমিত জীবন তার ফল পায়।
চারি যুগে তোমার মহিমা।
এটি বিখ্যাত বিশ্ব আলো।
আপনি সাধক এবং স্তব্ধদের তত্ত্বাবধায়ক
অসুর নিকন্দন রাম দুলারে ॥
অষ্টসিদ্ধির দাতা নয় তহবিল।
আস বার দীন্হ জানকী মাতা৷
রাম রাসায়ন তোর পাশা।
সর্বদা রঘুপতির সেবক হও।
তোমার ভক্তির দ্বারা শ্রীরামকে পাওয়া যায়
ভুলে যাও জন্মের দুঃখ।
শেষবার গিয়েছিলাম রঘুবরপুরে।
যেখানে হরি ভক্তের জন্ম।
আর বিধাতা তার মন ধরে রাখেননি।
সমস্ত সুখ হনুমতের দ্বারা করা হয়েছিল।
সমস্ত বিপদ দূর হয়ে যাবে এবং সমস্ত ব্যথা অদৃশ্য হয়ে যাবে
যিনি হনুমত বলবীর কথা স্মরণ করেন।
শিলাবৃষ্টি, শিলাবৃষ্টি, শ্রী হনুমান, ইন্দ্রিয়ের অধিপতি।
দয়া করে আমাকে গুরুদেবের মতো আশীর্বাদ করুন।
যে ১০০ বার পড়বে!
বন্দী মুক্তি পেয়ে অনেক আনন্দ হয়েছিল।
যিনি এই হনুমান চালিসা পাঠ করেন।
হ্যাঁ সিদ্ধি সখী গৌরীসা।
তুলসীদাস সদা হরি চেরা।
কিজাই নাথ হৃদয় মহা ডেরা ॥
দোহা:
পবনতনয় সংকট হারান মঙ্গল মূর্তি রূপ।
রাম লখন সীতা সহ, হৃদয় বসহু সুর ভূপ।
FAQ :- Shri hanuman chalisa Hindi Bol
श्री हनुमान चालीसा किस भाषा में लिखी गई है?
श्री हनुमान चालीसा हिंदी भाषा में लिखी गई है। इसे सरलता से समझा जा सकता है और पठने में आसानी होती है।
श्री हनुमान चालीसा का पाठ किस समय करना चाहिए?
श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने का सबसे उचित समय सुबह और शाम को होता है। इन समयों पर पठने से भक्त को अधिक फल प्राप्त होता है।
क्या श्री हनुमान चालीसा का पाठ केवल हनुमान भक्त ही कर सकते हैं?
नहीं, श्री हनुमान चालीसा का पाठ कोई भी व्यक्ति, चाहे वह हनुमान भक्त हो या न हो, कर सकता है। यह चालीसा सभी के लिए उपयोगी है और सभी को आंतरिक शांति और सुख की प्राप्ति में सहायता करती है।
क्या श्री हनुमान चालीसा का पाठ किसी विशेष अवस्था में करना चाहिए?
श्री हनुमान चालीसा का पाठ किसी भी अवस्था में किया जा सकता है। हालांकि, ध्यान और एकाग्रता को बनाए रखने के लिए चालीसा का पाठ शांतिपूर्वक और मननशीलता के साथ करना चाहिए।
क्या श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से कोई विशेष शक्ति मिलती है?
hanuman chalisa pdf : हाँ, श्री हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्त को श्री हनुमानजी की कृपा मिलती है और उसे शक्ति, सामर्थ्य और सुख की प्राप्ति होती है। यह चालीसा भक्त को अधिक प्रभावशाली बनाती है और उसे आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाती है।
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